Thursday, August 21, 2025

इम्प्लाइड नीड्स और एक्स्प्लिसिट नीड्स: खरीदार कब खरीदने के लिए तैयार होता है?

बिक्री (सेल्स) में सबसे ज़रूरी है यह समझना कि ग्राहक (कस्टमर) की असली ज़रूरत क्या है। लेकिन हर ज़रूरत एक जैसी नहीं होती। कुछ ज़रूरतें सिर्फ़ असंतोष (थोड़ा-सा मन न लगना) के रूप में होती हैं, जिन्हें इम्प्लाइड नीड्स कहते हैं। और कुछ ज़रूरतें साफ़ और मज़बूत होती हैं, जिन्हें एक्स्प्लिसिट नीड्स कहा जाता है।


जब तक इम्प्लाइड नीड्स को एक्स्प्लिसिट नीड्स में नहीं बदला जाता, तब तक ग्राहक खरीदने का निर्णय नहीं लेता।


इम्प्लाइड नीड्स (Implied Needs)

  • यह बस असंतोष या हल्की समस्या होती है।

  • ग्राहक को लगता है कि कुछ ठीक नहीं है, पर वह साफ़-साफ़ नहीं बता पाता।

उदाहरण:

  • “हमारा सॉफ़्टवेयर धीमा है।”

  • “बहुत समय मैनुअल काम में चला जाता है।”


एक्स्प्लिसिट नीड्स (Explicit Needs)

  • यह साफ़ और मज़बूत ज़रूरत होती है।

  • ग्राहक बताता है कि उसे किस तरह का समाधान चाहिए।

उदाहरण:

  • “हमें तेज़ सॉफ़्टवेयर चाहिए।”

  • “हमें ऐसा सिस्टम चाहिए जो शिकायतें जल्दी सुलझाए।”


खरीदार का सोचने का तरीका

  • ग्राहक हमेशा तुलना करता है – समस्या की लागत बनाम समाधान की लागत

  • अगर समस्या का खर्चा ज़्यादा है और समाधान का कम, तो वह खरीदने के लिए तैयार हो जाता है।

Monday, August 18, 2025

Customers को Attention देना – Repeat Business का Secret

आज के फास्ट-मूविंग वर्ल्ड में customers सिर्फ product नहीं खरीदते, वो experience खरीदते हैं।

और सबसे important, लेकिन अक्सर ignore किया जाने वाला factor है – Attention



जब customers आपके store या business में आते हैं और उन्हें warm greeting, ध्यान से सुनना और उनकी problems solve करने का experience मिलता है, तो वो बार-बार वापस आते हैं।

अगर Attention न मिले तो क्या होता है?

अगर customer आपके store में आए और उसे कोई proper attention न मिले, तो बहुत chance है कि वो बिना खरीदे वापस चला जाए। इसकी कुछ common वजहें हैं:

  • Product को लेकर confusion – क्या लें, समझ न आना।

  • Disrespect feel करना – acknowledge न करना।

  • High price का डर – बिना समझे assume कर लेना कि सब महंगा है।

  • Inferior feel करना – माहौल welcoming न लगना।

एक Step जो सब बदल सकता है

Customer को attention देना मुश्किल नहीं है, बस छोटे-छोटे gestures चाहिए:

  • Better understanding – पूछें कि वो क्या ढूंढ रहे हैं और ध्यान से सुनें।

  • Show options – उन्हें choices दें ताकि वो confident feel करें।

  • Just give information – कभी-कभी बस details देना ही काफी होता है।

  • Engage them – friendly conversation से connect बनता है।

ये छोटी-छोटी चीज़ें एक “Wow” experience create करती हैं, जिसे customer याद रखता है।

Attention का असली असर

जब customer को attention मिलता है, तो वो valued और connected feel करता है।
और फिर वो सिर्फ product के लिए नहीं, बल्कि उस feeling के लिए वापस आता है जो आपने उसे दी।

आखिरकार, इंसान होने के नाते हमारी emotions और attention की need हमारे decisions को बहुत influence करती है।
आज दिया गया आपका थोड़ा सा समय और ध्यान, कल आपको loyal customers और strong business दे सकता है।

Thursday, August 14, 2025

क्यों आपकी Shop का Interior आपके Business की सबसे बड़ी ताकत है ?

आज के कॉम्पिटिटिव मार्केट में सिर्फ़ अच्छे प्रोडक्ट्स होना काफी नहीं है। चाहे आपके पास लेटेस्ट फैशन कलेक्शन हो, मॉडर्न गैजेट्स हों या ताज़ी बेकरी आइटम्स — अगर आपकी shop का interior अच्छा नहीं है, तो कई कस्टमर्स आपको मौका दिए बिना ही आगे बढ़ जाएंगे।



आपका इंटरियर सिर्फ़ सजावट नहीं है। ये आपके ब्रांड की personality है — वो पहला इम्प्रेशन जो कस्टमर के दिमाग़ में जाता है, बिना कुछ कहे।


First Impressions Matter

लोग कहते हैं, "Don’t judge a book by its cover" — लेकिन रियलिटी ये है कि रिटेल में लोग सबसे पहले cover यानी इंटरियर देखकर ही जज करते हैं।

सोचिए,

  • आपके पास high-quality products हैं।

  • आपके पास latest designs या collections हैं।

  • Shop में AC, fans वगैरह की सुविधा है।

लेकिन…

  • Signboard पुराना या टूटा हुआ है।

  • Paint dull है, दीवारें गंदी हैं।

  • Counter पुराना और खराब दिखता है।

  • Changing room छोटा या खराब हालत में है।

ऐसे में, कस्टमर अंदर आए बिना ही आगे बढ़ जाएगा।

जब market में आपके जैसे और भी लोग वही products बेच रहे हैं, तो visual appeal ही फर्क पैदा करता है।


Why Interior Design is Important

1. Attention खींचता है

एक attractive, साफ़-सुथरी और modern shop लोगों को naturally अंदर खींचती है।

2. Trust बनाता है

अच्छा maintained interior ये बताता है कि आप अपने बिज़नेस पर ध्यान देते हैं — और कस्टमर मानते हैं कि आप अपने products पर भी उतना ही ध्यान देंगे।

3. Customer Experience बढ़ाता है

Comfortable और organized space कस्टमर को ज़्यादा देर तक shop में रोकती है, जिससे उनके खरीदने के chances बढ़ जाते हैं।


ये हर बिज़नेस पर लागू होता है

Fashion Stores

अगर आप कपड़े बेचते हैं, तो आपका store आपके taste और style को दिखाता है। Trendy stock के साथ-साथ trendy environment भी ज़रूरी है।

Cafés और Bakeries

लोग यहां सिर्फ़ खाने-पीने के लिए नहीं, बल्कि माहौल के लिए भी आते हैं। Cozy और fresh interior उन्हें ज़्यादा देर रुकने और दोबारा आने के लिए motivate करता है।

Specialty Stores

चाहे आप handmade crafts, electronics या home décor बेचते हों — आपका product एक ऐसा display deserve करता है जो उसे और special बनाए।


It’s About Perception

आपकी shop का look ये message देता है:

  • Clean और stylish store: "हम प्रोफेशनल हैं और quality को महत्व देते हैं।"

  • Neglected store: "हम चीज़ों में कटौती करते हैं — शायद products में भी।"

कस्टमर हमेशा ऐसी जगह चुनता है जो उनके lifestyle और standards से match करे।


Example

दो bakeries सोचिए, एकदम पास-पास:

  • Bakery A: Bread अच्छा है, लेकिन signboard टूटा है, display dark है, paint पुराना है।

  • Bakery B: Bread उतना ही अच्छा है, लेकिन अंदर से fresh, clean, inviting माहौल है, display चमक रहा है, और बैठने की अच्छी जगह है।

ज्यादातर लोग Bakery B चुनेंगे — क्योंकि हाँ, लोग cover देखकर ही किताब का अंदाज़ा लगाते हैं

Monday, August 11, 2025

क्यों Local Retailers आज भी E-Commerce को टक्कर दे रहे हैं ?

आज के समय में e-commerce बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। हर चीज़ online order करना आसान हो गया है। लेकिन फिर भी, हमारे आसपास के local retailers अपनी जगह मज़बूती से बनाए हुए हैं।

क्यों? क्योंकि ये सिर्फ सामान नहीं बेचते, बल्कि रिश्ते और भरोसा भी देते हैं—जो किसी app या website से नहीं मिलता।



1. Shopping की आदत और Experience

कई परिवारों के लिए local store जाना सिर्फ ज़रूरत नहीं, एक आदत है।

  • Sunday morning या evening market walk

  • बच्चों के लिए chocolates लेना

  • घर लौटते समय कुछ fresh सामान खरीदना

ये छोटे-छोटे moments e-commerce दे ही नहीं सकता।


2. Micro-Bank जैसा Support

Local retailers कई बार छोटे level पर bank की तरह काम करते हैं:

  • आप order list दे दीजिए, वो नोट करके सामान घर भेज देंगे

  • Regular customers से delivery charge नहीं लेते

  • Minimum purchase की कोई शर्त नहीं

  • Payment salary आने पर कर सकते हैं

ये भरोसे वाला सिस्टम online platforms replicate नहीं कर पाते।


3. Variety और Flexibility

E-commerce पर कई बार specific flavor या small packets (₹10 वाले) नहीं मिलते, सिर्फ बड़े packs ही available होते हैं।
Retailers ये problem solve करते हैं—चाहे आपको 1 packet चाहिए या 10 छोटे packets, वो तुरंत available करा देते हैं, और जल्दी deliver करते हैं।


4. In-Store Discovery का मज़ा

Online shopping में हम अक्सर वही order कर देते हैं जो पहले लिया था।
लेकिन store में जाते समय आँख automatically shelves explore करती है—

  • New product

  • Seasonal item

  • Limited edition flavors

ये excitement online में missing है।


5. Personalized Care

Local retailers:

  • आपको नाम से जानते हैं

  • आपकी पसंद याद रखते हैं

  • Emergencies में उधार भी दे देते हैं—festival हो या कोई अचानक expense

E-commerce में आप सिर्फ एक order number हैं, लेकिन retailer के लिए आप एक valued customer हैं।

Sunday, August 10, 2025

व्हाइट बोर्ड से बढ़ेगी प्रोडक्शन की रफ्तार – जिम्मेदारी तय, डिलीवरी ऑन टाइम!

 कई बार फैक्ट्री में यह समस्या आती है कि


  • काम तय समय पर पूरा नहीं हो रहा
  • कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं
  • और आखिर में, ग्राहक की डिलीवरी लेट हो जाती है



असल में, समस्या सिर्फ मेहनत की कमी नहीं, जिम्मेदारी और ट्रैकिंग की कमी है।

यहीं पर व्हाइट बोर्ड आपके प्रोडक्शन डिपार्टमेंट का सबसे बड़ा हथियार बन सकता है।





1. व्हाइट बोर्ड का उद्देश्य



व्हाइट बोर्ड सिर्फ नोट्स लिखने के लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रोडक्शन फ्लो का लाइव ट्रैकर है।

इस पर रोज़ाना तीन चीज़ें साफ-साफ लिखनी चाहिए:


  1. काम का नाम / ऑर्डर नंबर
  2. जिम्मेदार व्यक्ति का नाम
  3. टारगेट तारीख और समय



जब यह सब ओपनली सबके सामने लिखा जाता है, तो कर्मचारी को पता होता है कि उसकी जिम्मेदारी सभी को दिख रही है।





2. रोज़ाना अपडेट करने का नियम



हर दिन शिफ्ट शुरू होने से पहले और खत्म होने से पहले व्हाइट बोर्ड अपडेट होना चाहिए:


  • सुबह: उस दिन के सभी टास्क, जिम्मेदार व्यक्ति, और डेडलाइन लिखें।
  • शाम: क्या-क्या पूरा हुआ और क्या पेंडिंग है, उसका स्टेटस अपडेट करें।






3. पारदर्शिता से जिम्मेदारी बनती है



जब व्हाइट बोर्ड पर सभी टास्क और जिम्मेदारियों के नाम खुलेआम लिखे होते हैं, तो कोई भी काम “भूल” नहीं सकता।

अगर किसी की वजह से देरी हुई है, तो वह भी सबको साफ दिखता है।





4. कलर कोडिंग सिस्टम



काम को ट्रैक करना आसान बनाने के लिए तीन कलर का इस्तेमाल करें:


  • हरा (Green): काम समय पर पूरा
  • पीला (Yellow): काम में देरी की संभावना
  • लाल (Red): काम तय समय से लेट






5. मीटिंग में बोर्ड का उपयोग



हर डेली प्रोडक्शन मीटिंग में व्हाइट बोर्ड को केंद्र में रखें।


  • किसका काम समय पर हुआ, किसका नहीं — यही से चर्चा शुरू हो।
  • अगर देरी हुई तो तुरंत कारण पूछें और सॉल्यूशन तय करें।






6. फायदे



  • कर्मचारियों में जवाबदेही बढ़ेगी
  • डिलीवरी टाइम में सुधार होगा
  • टीम के बीच कोऑर्डिनेशन बेहतर होगा
  • मैनेजमेंट को रियल-टाइम स्टेटस मिलेगा





📌 निष्कर्ष:

व्हाइट बोर्ड सिर्फ एक साधारण टूल नहीं, बल्कि आपके प्रोडक्शन डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी की किताब है।

अगर आप इसे रोज़ाना और अनुशासन से इस्तेमाल करेंगे, तो न सिर्फ प्रोडक्शन समय पर होगा बल्कि टीम में जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत होगी।


Thursday, August 7, 2025

Ambush Marketing: कम बजट, ज्यादा ध्यान!

आज की दुनिया में हर ब्रांड चाहता है कि लोग उसकी बात सुनें। लेकिन हर बार पैसा खर्च करना ज़रूरी नहीं होता।


कुछ ब्रांड चालाकी से दूसरों की लाइमलाइट ले लेते हैं — उसे ही कहते हैं: Ambush Marketing.



📣 Marketing क्या होता है?

Marketing यानि आपकी brand की आवाज़।
अगर आपने एक बढ़िया product बनाया है, लेकिन कोई उसके बारे में जानता ही नहीं — तो वो जैसे है ही नहीं।

“Good marketing makes the company look smart. Great marketing makes the customer feel smart.” – Joe Chernov


🤔 Marketing क्यों ज़रूरी है?

  • ✅ Market में भीड़ से अलग दिखने के लिए

  • ✅ अपनी USP (Unique Selling Point) बताने के लिए

  • ✅ Customers के दिमाग में बने रहने के लिए

  • ✅ Trend के साथ चलने (या नया trend बनाने) के लिए


📦 Marketing के तरीके (कुछ Examples के साथ):

  • Guerrilla Marketing – Flash mobs, क्रिएटिव ads

  • Moment Marketing – Memes या trending topics पर quick reaction

  • Creative Packaging – Attractive बॉतल या डिब्बा (जैसे Coke पर नाम)

  • Graffiti Marketing – दीवारों पर cool art

  • Ambush Marketing – जब कोई ब्रांड दूसरे के campaign का फायदा उठाए… बिना invite के!


🕶️ Ambush Marketing क्या है?

Imagine करो:

-  किसी और के music पर नाचना
-  दूसरे brand की hype पर ride करना
-  बिना sponsorship लिए attention पा जाना

Ambush Marketing थोड़ी चालाकी, थोड़ा मज़ाक, और बहुत सारी timing पर टिकी होती है।


🎯 Ambush Marketing के Types

  1. Direct Ambush – सीधा competitor को टारगेट करना

  2. Indirect Ambush – किसी बड़े event (जैसे IPL या World Cup) से जुड़ना

  3. Opportunistic Ambush – कोई मजेदार moment पकड़कर तुरंत action लेना

  4. Incidental Ambush – अनजाने में फायदा मिल जाना


🔥 Examples जो दिमाग में रह जाते हैं

1. Jio vs VI

VI: “Bringing people together”
Jio: “हम तो 2016 से कर रहे हैं।”
👉 Smart timing + confident reply


2. Amazon parody on Zomato

Zomato ने logo बदला → लोगो ने troll किया
Fake Amazon handle: “Aur logo dikhado?”
👉 Public sentiment को सही time पर catch किया


3. Samsung vs OnePlus

OnePlus: “The speed you need”
Samsung: “We already gave you the speed you need”
👉 सीधा जवाब, catchy और bold


4. Zomato Meta Tweet

Zomato: “Kabhi kabhi khud ka bhi tweet kar lo”
👉 Trend को खुद hijack करना = genius move


✅ Ambush Marketing क्यों काम करता है?

  • Low budget, high impact

  • तेज़ और ट्रेंड के साथ चलता है

  • Brand recall बढ़ाता है

  • Relevance बनाए रखता है

  • Viral होने का मौका देता है

📱 Twitter और Instagram – सबसे सही जगह ambush strategy के लिए


⚠️ Risk भी हैं

  • Legal issue हो सकता है (sponsored events में)

  • Original brand को बुरा लग सकता है

  • अगर joke अच्छा नहीं हुआ तो उल्टा असर

  • Timing और creativity सबसे ज़रूरी

Monday, August 4, 2025

🎨 Brand Colors की Psychology –Colors जो Branding को Powerful बनाते हैं

 जब हम किसी brand को देखते हैं, तो सबसे पहले उसका color हमारा ध्यान खींचता है। हर color कुछ न कुछ feelings और emotions से जुड़ा होता है। Brands इन colors को सोच-समझ कर चुनते हैं ताकि वो सही message अपने audience तक पहुंचा सकें।

यहाँ हम जानेंगे कैसे अलग-अलग colors लोगों की feelings को influence करते हैं और कैसे बड़े-बड़े brands इनका use करते हैं।

    


🔴 Red – Attention और Hunger बढ़ाने वाला रंग

  • Red color energy और excitement दिखाता है।

  • ये भूख बढ़ाता है, इसलिए ज़्यादातर food brands इसका use करते हैं।

  • Urgency create करता है – जैसे कि sale या offer के लिए।

  • Examples: McDonald’s, Coca-Cola


🔵 Blue – Trust और Professionalism का रंग

  • Blue शांति और भरोसा दिखाता है।

  • Corporates और tech companies इसे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि ये reliable लगता है।

  • Productivity से भी जुड़ा है।

  • Examples: Facebook, LinkedIn, IBM


Black – Luxury और Power का Symbol

  • Black power, authority और elegance दिखाता है।

  • High-end brands इसे use करते हैं premium look के लिए।

  • White के साथ मिलकर clean और modern design बनाता है।

  • Examples: Apple, Chanel


White – Clean और Simple look

  • White शांति और purity का symbol है।

  • Health, wellness और minimalist branding में इसका use ज़्यादा होता है।

  • Background color के तौर पर बहुत useful है।

  • Examples: Apple, Nike


💚 Green – Nature और Balance

  • Green रंग nature और eco-friendly सोच से जुड़ा है।

  • Calmness और relaxation देता है।

  • Health और sustainable brands इसे prefer करते हैं।

  • Examples: Starbucks, Whole Foods


🟠 Orange – Fun और Energy का Color

  • Orange happiness और enthusiasm को show करता है।

  • Youth और impulsive buyers को attract करता है।

  • Offers और promotions में effective होता है।

  • Examples: Fanta, Amazon (Add to Cart बटन)


💡 Color क्यों Important है Branding में?

  1. First impression बनाता है – Color सबसे पहले attention लेता है।

  2. Emotions trigger करता है – हर color कुछ न कुछ feel कराता है।

  3. Brand identity बनाता है – लोग color से brand को पहचानते हैं।

  4. Buying decisions में मदद करता है – सही color products को attractive बनाता है।

Thursday, July 31, 2025

Sales को नए तरीके से समझना: SPIN Selling के Chapter 1 से मेरी सबसे बड़ी सीख

 मैं हमेशा अपनी प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूँ। हाल ही में मैंने SPIN Selling (Neil Rackham द्वारा लिखित) दोबारा पढ़ी — एक ऐसी किताब जिसने मेरी sales को समझने की सोच ही बदल दी, खासकर जब बात हो long-term या complex sales की।

👇 आइए जानें, Chapter 1: Sales Behavior and Sales Success से मेरी सबसे बड़ी सीख क्या रही — और क्यों ये आज के दौर में बेहद ज़रूरी है।


🚫 पुराने Sales Tactics Long-Term Sales में काम नहीं करते

हममें से ज़्यादातर को शुरू से यह सिखाया गया है:

Call खोलो → ज़रूरतें पूछो → फायदे बताओ → Objections हैंडल करो → Deal क्लोज़ करो।

लेकिन Neil Rackham ने हज़ारों sales calls का analysis करके ये साबित किया कि यह तरीका सिर्फ short-term, जल्दी बंद होने वाली deals में काम करता है।


जब आप वही तरीका बड़े, complex या long-term clients पर apply करते हैं, तो वो उल्टा असर कर सकता है।

Long-term sales का success 'pitching' में नहीं, बल्कि relationship बनाने, trust कमाने और deep understanding लाने में है।


🧠 4 ज़रूरी Stages जो हर Sale में होती हैं:

Rackham के अनुसार, एक effective sale के चार important steps होते हैं:

  1. Preliminary – Client की basic जानकारी लेना

  2. Investigating – उसकी समस्याएं और ज़रूरतें समझना

  3. Demonstrating Ability – दिखाना कि आपका solution कैसे काम आएगा

  4. Obtaining Commitment – Client से अगला step लेने की सहमति लेना (ज़रूरी नहीं कि यहीं deal क्लोज हो!)

👉 इन stages की importance इस बात पर depend करती है कि आपका sales cycle short है या long।


🔍 SPIN Selling: सवाल पूछने का स्मार्ट तरीका

Rackham का पूरा model इस concept पर टिका है — सही सवाल पूछो, जवाब खुद खुलने लगेंगे।

SPIN Model के चार हिस्से हैं:

  • S – Situation Questions:
    "आपने ये सिस्टम कब से यूज़ किया है?"
    ➤ मतलब client की current स्थिति समझना

  • P – Problem Questions:
    "इसमें आपको क्या दिक्कतें आती हैं?"
    ➤ client की परेशानियां जानना

  • I – Implication Questions:
    "अगर ये problem बनी रही तो उसका क्या असर होगा?"
    ➤ समस्या के गंभीर परिणाम समझना

  • N – Need-Payoff Questions:
    "अगर ये दिक्कत दूर हो जाए तो आपको क्या फ़ायदा होगा?"
    ➤ आपके solution से client को क्या value मिल सकती है, ये दिखाना

👉 यह तरीका सिर्फ product बेचने के लिए नहीं, बल्कि client को उसकी खुद की ज़रूरतें समझाने में मदद करने के लिए है।


🌱 मेरी सबसे बड़ी सीख

Sales सिर्फ "closing" नहीं है — यह एक ऐसा conversation शुरू करना है जो long-term value create करे।

जब मैंने यह समझा, तो मेरा पूरा selling का नजरिया बदल गया — खासकर high-value clients और long sales cycles में। अब मैं "pitch" से ज़्यादा "curiosity", "tactics" से ज़्यादा "trust" और "impulse" से ज़्यादा "insight" पर ध्यान देता हूँ।

अगर आप B2B, consultative या high-stakes sales में हैं, तो SPIN Selling ज़रूर पढ़िए।
ये सिर्फ एक तरीका नहीं, बल्कि एक mindset shift है।


✍️ लेखक परिचय

Mr. Rahul Revne
Founder – RRTCS (Rahul Revne Training & Consultancy Services)

20+ साल का अनुभव – HR, Sales, Strategy और Business Consulting में।
जिन्होंने कई struggling ventures को profitable businesses में बदला है।

उनकी खासियत:
✅ Emotional Intelligence in Sales
✅ Purpose-driven Business Growth
✅ Entrepreneurial Thinking

लेखक – Entrepreneurial Series और Spirit of Inspiration
वो leaders को clarity, courage और customer focus के साथ empower करते हैं।