कई बार फैक्ट्री में यह समस्या आती है कि
- काम तय समय पर पूरा नहीं हो रहा
- कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं
- और आखिर में, ग्राहक की डिलीवरी लेट हो जाती है
असल में, समस्या सिर्फ मेहनत की कमी नहीं, जिम्मेदारी और ट्रैकिंग की कमी है।
यहीं पर व्हाइट बोर्ड आपके प्रोडक्शन डिपार्टमेंट का सबसे बड़ा हथियार बन सकता है।
1. व्हाइट बोर्ड का उद्देश्य
व्हाइट बोर्ड सिर्फ नोट्स लिखने के लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रोडक्शन फ्लो का लाइव ट्रैकर है।
इस पर रोज़ाना तीन चीज़ें साफ-साफ लिखनी चाहिए:
- काम का नाम / ऑर्डर नंबर
- जिम्मेदार व्यक्ति का नाम
- टारगेट तारीख और समय
जब यह सब ओपनली सबके सामने लिखा जाता है, तो कर्मचारी को पता होता है कि उसकी जिम्मेदारी सभी को दिख रही है।
2. रोज़ाना अपडेट करने का नियम
हर दिन शिफ्ट शुरू होने से पहले और खत्म होने से पहले व्हाइट बोर्ड अपडेट होना चाहिए:
- सुबह: उस दिन के सभी टास्क, जिम्मेदार व्यक्ति, और डेडलाइन लिखें।
- शाम: क्या-क्या पूरा हुआ और क्या पेंडिंग है, उसका स्टेटस अपडेट करें।
3. पारदर्शिता से जिम्मेदारी बनती है
जब व्हाइट बोर्ड पर सभी टास्क और जिम्मेदारियों के नाम खुलेआम लिखे होते हैं, तो कोई भी काम “भूल” नहीं सकता।
अगर किसी की वजह से देरी हुई है, तो वह भी सबको साफ दिखता है।
4. कलर कोडिंग सिस्टम
काम को ट्रैक करना आसान बनाने के लिए तीन कलर का इस्तेमाल करें:
- हरा (Green): काम समय पर पूरा
- पीला (Yellow): काम में देरी की संभावना
- लाल (Red): काम तय समय से लेट
5. मीटिंग में बोर्ड का उपयोग
हर डेली प्रोडक्शन मीटिंग में व्हाइट बोर्ड को केंद्र में रखें।
- किसका काम समय पर हुआ, किसका नहीं — यही से चर्चा शुरू हो।
- अगर देरी हुई तो तुरंत कारण पूछें और सॉल्यूशन तय करें।
6. फायदे
- कर्मचारियों में जवाबदेही बढ़ेगी
- डिलीवरी टाइम में सुधार होगा
- टीम के बीच कोऑर्डिनेशन बेहतर होगा
- मैनेजमेंट को रियल-टाइम स्टेटस मिलेगा
📌 निष्कर्ष:
व्हाइट बोर्ड सिर्फ एक साधारण टूल नहीं, बल्कि आपके प्रोडक्शन डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी की किताब है।
अगर आप इसे रोज़ाना और अनुशासन से इस्तेमाल करेंगे, तो न सिर्फ प्रोडक्शन समय पर होगा बल्कि टीम में जिम्मेदारी की भावना भी मजबूत होगी।
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