FMCG यानी तेजी से बिकने वाले प्रोडक्ट्स में एक स्टेज है, जिस पर अक्सर कम ध्यान दिया जाता है – टर्शियरी सेल्स। यही वह स्टेज है जहाँ रिटेलर प्रोडक्ट को सीधे ग्राहक तक पहुँचाते हैं और ब्रांड की असली ताकत दिखाते हैं।
1. FMCG सेल्स के स्टेप
सेल्स के तीन स्टेप होते हैं:
प्राइमरी सेल्स: कंपनी → डिस्ट्रीब्यूटर
सेकंडरी सेल्स: डिस्ट्रीब्यूटर → रिटेलर
टर्शियरी सेल्स: रिटेलर → ग्राहक
👉 टर्शियरी सेल्स सबसे अहम स्टेज है क्योंकि यही वह समय है जब प्रोडक्ट सच में ग्राहक तक पहुँचता है।
2. टर्शियरी सेल्स क्यों ज़रूरी हैं?
असली डिमांड दिखाती हैं: प्राइमरी और सेकंडरी सिर्फ स्टॉक आगे बढ़ाते हैं, लेकिन टर्शियरी दिखाती है कि ग्राहक प्रोडक्ट सच में खरीद रहा है।
रिटेलर की भूमिका: रिटेलर टर्शियरी का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन वे इसे पूरा करते हैं। वे तय करते हैं कि कौन सा प्रोडक्ट शेल्फ़ पर दिखेगा और ग्राहक को क्या सुझाया जाएगा।
बिक्री की स्थिरता: टर्शियरी सेल्स मजबूत होने से प्रोडक्ट लगातार ग्राहक तक पहुँचता है, जिससे ऑर्डर और ग्रोथ बनी रहती है।
3. रिटेलर: छुपे हुए मददगार
रिटेलर ब्रांड और ग्राहक के बीच पुल का काम करते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं:
प्रोडक्ट उपलब्ध हो जब ग्राहक माँगे।
दुकान में सही जगह और दिखाव मिले।
ग्राहक को सही सलाह दें।
सीधे शब्दों में, डिस्ट्रीब्यूटर और लॉजिस्टिक्स प्रोडक्ट को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन रिटेलर ही इसे ग्राहक तक पहुँचाते हैं।
4. सारांश: टर्शियरी सेल्स = असली सफलता
बात | मतलब |
---|---|
टर्शियरी एक स्टेज है, व्यक्ति नहीं | यह ग्राहक की खरीद का समय है। |
रिटेलर इसे आगे बढ़ाते हैं | वे आख़िरी सेल करते हैं। |
ऑफ़टेक = असली सफलता | टर्शियरी ही असली डिमांड दिखाती है। |
FMCG में सफलता इस पर नहीं है कि आपने कितना स्टॉक मार्केट में भेजा, बल्कि इस पर है कि कितना स्टॉक ग्राहक तक पहुँचा। यही टर्शियरी सेल्स का असली मतलब है। इस स्टेज में आपके असली मददगार हैं रिटेलर, जो आपके ब्रांड को ग्राहक तक पहुँचाने में सबसे अहम हैं।
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