Thursday, July 31, 2025

Sales को नए तरीके से समझना: SPIN Selling के Chapter 1 से मेरी सबसे बड़ी सीख

 मैं हमेशा अपनी प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूँ। हाल ही में मैंने SPIN Selling (Neil Rackham द्वारा लिखित) दोबारा पढ़ी — एक ऐसी किताब जिसने मेरी sales को समझने की सोच ही बदल दी, खासकर जब बात हो long-term या complex sales की।

👇 आइए जानें, Chapter 1: Sales Behavior and Sales Success से मेरी सबसे बड़ी सीख क्या रही — और क्यों ये आज के दौर में बेहद ज़रूरी है।


🚫 पुराने Sales Tactics Long-Term Sales में काम नहीं करते

हममें से ज़्यादातर को शुरू से यह सिखाया गया है:

Call खोलो → ज़रूरतें पूछो → फायदे बताओ → Objections हैंडल करो → Deal क्लोज़ करो।

लेकिन Neil Rackham ने हज़ारों sales calls का analysis करके ये साबित किया कि यह तरीका सिर्फ short-term, जल्दी बंद होने वाली deals में काम करता है।


जब आप वही तरीका बड़े, complex या long-term clients पर apply करते हैं, तो वो उल्टा असर कर सकता है।

Long-term sales का success 'pitching' में नहीं, बल्कि relationship बनाने, trust कमाने और deep understanding लाने में है।


🧠 4 ज़रूरी Stages जो हर Sale में होती हैं:

Rackham के अनुसार, एक effective sale के चार important steps होते हैं:

  1. Preliminary – Client की basic जानकारी लेना

  2. Investigating – उसकी समस्याएं और ज़रूरतें समझना

  3. Demonstrating Ability – दिखाना कि आपका solution कैसे काम आएगा

  4. Obtaining Commitment – Client से अगला step लेने की सहमति लेना (ज़रूरी नहीं कि यहीं deal क्लोज हो!)

👉 इन stages की importance इस बात पर depend करती है कि आपका sales cycle short है या long।


🔍 SPIN Selling: सवाल पूछने का स्मार्ट तरीका

Rackham का पूरा model इस concept पर टिका है — सही सवाल पूछो, जवाब खुद खुलने लगेंगे।

SPIN Model के चार हिस्से हैं:

  • S – Situation Questions:
    "आपने ये सिस्टम कब से यूज़ किया है?"
    ➤ मतलब client की current स्थिति समझना

  • P – Problem Questions:
    "इसमें आपको क्या दिक्कतें आती हैं?"
    ➤ client की परेशानियां जानना

  • I – Implication Questions:
    "अगर ये problem बनी रही तो उसका क्या असर होगा?"
    ➤ समस्या के गंभीर परिणाम समझना

  • N – Need-Payoff Questions:
    "अगर ये दिक्कत दूर हो जाए तो आपको क्या फ़ायदा होगा?"
    ➤ आपके solution से client को क्या value मिल सकती है, ये दिखाना

👉 यह तरीका सिर्फ product बेचने के लिए नहीं, बल्कि client को उसकी खुद की ज़रूरतें समझाने में मदद करने के लिए है।


🌱 मेरी सबसे बड़ी सीख

Sales सिर्फ "closing" नहीं है — यह एक ऐसा conversation शुरू करना है जो long-term value create करे।

जब मैंने यह समझा, तो मेरा पूरा selling का नजरिया बदल गया — खासकर high-value clients और long sales cycles में। अब मैं "pitch" से ज़्यादा "curiosity", "tactics" से ज़्यादा "trust" और "impulse" से ज़्यादा "insight" पर ध्यान देता हूँ।

अगर आप B2B, consultative या high-stakes sales में हैं, तो SPIN Selling ज़रूर पढ़िए।
ये सिर्फ एक तरीका नहीं, बल्कि एक mindset shift है।


✍️ लेखक परिचय

Mr. Rahul Revne
Founder – RRTCS (Rahul Revne Training & Consultancy Services)

20+ साल का अनुभव – HR, Sales, Strategy और Business Consulting में।
जिन्होंने कई struggling ventures को profitable businesses में बदला है।

उनकी खासियत:
✅ Emotional Intelligence in Sales
✅ Purpose-driven Business Growth
✅ Entrepreneurial Thinking

लेखक – Entrepreneurial Series और Spirit of Inspiration
वो leaders को clarity, courage और customer focus के साथ empower करते हैं।

Monday, July 28, 2025

💡 Think Like an Owner: मैनेजमेंट माइंडसेट में एक असरदार बदलाव

 क्या हो अगर हर मैनेजर अपने रोल को ऐसे देखे जैसे वो खुद अपनी कंपनी चला रहे हों?

यह कोई फॉर्मल प्रोग्राम या ऑफिसियल इनिशिएटिव नहीं है — बस एक साधारण लेकिन असरदार आइडिया है: “Think Like an Owner”

ऐसा सोच जो बदल सकता है कि मैनेजर्स कैसे लीड करते हैं, डिसीजन लेते हैं और दूसरों को इंफ्लुएंस करते हैं।


🔄 Mindset का वो बदलाव जो फर्क लाता है

सोचिए: कोई टीम मेंबर एक शिकायत, पुरानी समस्या या प्रोसेस की दिक्कत लेकर मैनेजर के पास आता है। आमतौर पर क्या होता है?
Escalate. Forward. Discussion. Delay.

लेकिन अगर हम मैनेजर से सीधा पूछें:

"अगर ये आपकी खुद की कंपनी होती, तो आप क्या करते?"

ये सवाल पूरे सिचुएशन का नजरिया बदल देता है। ये हायरार्की की सेफ्टी हटाकर जिम्मेदारी और निर्णय लेने की शक्ति सीधे मैनेजर के हाथ में देता है।


🧭 Ownership बदल देता है पूरा गेम

जब मैनेजर ownership mindset अपनाते हैं, तो वे प्रॉब्लम्स को दूसरों की जिम्मेदारी मानना छोड़ देते हैं।
वे शुरू करते हैं:

  • Proactively solve करना, ना कि सिर्फ react करना।

  • Strategically सोचना — आज के फैसलों का कल पर क्या असर होगा, इसे समझकर।

  • Accountability के साथ लीड करना, फैसले impact के बेस पर लेना, ना कि सिर्फ सुविधा के अनुसार।

यह CEO बनने का दिखावा नहीं है, बल्कि कंपनी के मिशन को अपने अंदर महसूस करके जिम्मेदारी से काम करने की सोच है — जैसे कि नतीजों के मालिक खुद हों।


👥 मैनेजर्स से शुरुआत क्यों?

मैनेजर्स के पास पहले से ही visibility और influence होता है।
अगर वो ownership के साथ लीड करें, तो ये सोच उनकी टीमों में खुद-ब-खुद उतरती है — जिससे एक ऐसी culture बनती है जहाँ हर कोई ज्यादा जिम्मेदार, motivated और empowered महसूस करता है।


🔍 मैनेजर्स के लिए कुछ Self-Reflection सवाल:

  • "अगर ये मेरा खुद का बिज़नेस होता, तो मैं क्या अलग करता?"

  • "इस decision का कंपनी पर long-term क्या असर होगा?"

  • "मैं इस problem को solve कर रहा हूँ या बस आगे बढ़ा रहा हूँ?"


🌱 Ownership की सोच बोने की शुरुआत

“Think Like an Owner” को किसी policy या launch की जरूरत नहीं।
ये एक leadership सोच है — जिसे रोज़मर्रा के decisions में explore किया जा सकता है, encourage किया जा सकता है और धीरे-धीरे culture में उतारा जा सकता है।

जब ये सोच अपनाई जाती है, तो यह लाती है:

  • बेहतर decisions

  • कम escalations

  • और एक ज्यादा committed workplace culture


✍️ लेखक परिचय

Mr. Rahul Revne, Founder - RRTCS (Rahul Revne Training & Consultancy Services)
20+ साल का अनुभव HR, Sales, Strategy और End-to-End Business Consulting में।
Struggling businesses को successful ventures में बदलने का ट्रैक रिकॉर्ड।
Emotional intelligence, Customer Connection और Purpose-Driven Growth में expertise।
लेखक: Entrepreneurial Series और Spirit of Inspiration